Dharm

श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज के निधन से एक युग का अंत हुआ है -म.म.स्वामी राजेंद्रानंद


हरिद्वार, 24 सितंबर। विश्नोई आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी राजेंद्रानंद महाराज ने भीमगोड़ा स्थित आश्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज एक युगपुरुष थे। उनके आकस्मिक निधन से एक युग का अंत हुआ है क्योंकि उन्होंने संपूर्ण जीवन मानवता की रक्षा और धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए व्यतीत किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। भारत में पहली बार उन्होंने फर्जी संतों के खिलाफ मुहिम चलाकर समाज को जागृत किया साथ ही गौ गंगा संरक्षण का संदेश भी समय-समय पर युवा पीढ़ी को देते रहे। ऐसे महापुरुषों का असमय चले जाना संपूर्ण मानव जाति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। पुरुषार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है और ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज साक्षात त्याग एवं तपस्या के प्रतिमूर्ति थे। जिन्होंने अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन करते हुए संतो को एक मंच पर लाने का सराहनीय कार्य किया। उनके आदर्श जीवन से प्रेरणा लेकर युवा पीढ़ी को सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु समर्पित रहना चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं समाज कल्याण के लिए उनके प्रेरणादाई उपदेश सदैव भक्तों का मार्गदर्शन करते रहते हैं। ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पद पर रहते हुए समाज हित में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए और अपने अनुभव एवं कार्य कुशलता से संतो में समन्वय बनाकर कुंभ मेले सकुशल संपन्न कराएं। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *