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वैष्णों देवी मंदिर हादसे पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने जताया दुख

श्रद्धालु भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करे वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

हरिद्वार, 1 जनवरी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने जम्मू में वैष्णो देवी मंदिर में हुई भगदड़ से हुए हादसे में मारे गए लोगों के प्रति दुख प्रकट किया है। प्रैस को जारी बयान में श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि माता वैष्णो देवी मंदिर में इस प्रकार की घटना का घटित होना बहुत ही दुखद है। श्राइन बोर्ड एवं स्थानीय सुरक्षा कर्मियों को ऐसी घटनाओं से सीख लेनी चाहिए और वहां की व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। जहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त दर्शन को जाते हैं। कोरोना काल में इतनी ज्यादा भीड़ का एकत्र होना और नियमों का पालन ना करा पाना स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि प्रशासन को कोरोना नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालु भक्तों को दर्शन के लिए इजाजत देनी चाहिए। एक साथ हजारों श्रद्धालुओं का दर्शन करना किसी भी स्थान पर संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में ऐसी घटनाएं घटित होने की संभावनाएं रहती हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इस घटना से बेहद दुखी है और मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करती है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह से मांग की है कि पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और वैष्णो देवी मंदिर के अंदर श्रद्धालु भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। जयराम आश्रम के पीठीधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने वैष्णों देवी हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मां गंगा से दिवगंत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने व उनके परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की। स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि माता वैष्णो देवी मंदिर पूरे देश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। जहां पूरे देश से श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए पहुुंचते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जाने चाहिए। जिससे इस तरह का हादसा दोबारा ना हो।

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