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दुग्धाभिषेक कर संतों ने की अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी व महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास के उज्जवल भविष्य की कामना

सनातन संस्कृति की वाहक है संत परंपरा-महंत जसविन्दर सिंह

हरिद्वार, 25 अक्टूबर। षड्दर्शन साधु समाज एवं अखिल भारतीय संत समिति के तत्वाधान में नवनियुक्त अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी एवं महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज की दीर्घायु एवं सभी पदाधिकारियों के उज्जवल भविष्य के लिए हर की पौड़ी पर मां गंगा का दुग्धाभिषेक किया गया। इस दौरान अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश अध्यक्ष महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और संत महापुरुषों के तपोबल से देश दुनिया में भारत की एक अलग पहचान है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भारत के संतों की सर्वोच्च संस्था है। जो समय समय पर साधु संतों के हितों और धर्म के प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रही है और प्रत्येक कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराना भी अखाड़ा परिषद का ही दायित्व है। श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज एवं श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज के नेतृत्व में अखाड़ा परिषद देश दुनिया में संत महापुरुषों का मान बढ़ाएगी और धर्म की रक्षा व संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए युवा संतो को परिषद के माध्यम से प्रेरित करेगी। योगी सत्यव्रतानंद एवं महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के रूप में श्रीमहंत रवींद्र पुरी एवं महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास युवा एवं विद्वान संत है और उन्हें अनेक कुंभ मेले के सफल आयोजन का अनुभव है। जिसका लाभ समस्त अखाड़ा परिषद के साथ ही देश भर के संतो को मिलेगा। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा राष्ट्र रक्षा एवं संस्कृति का संरक्षण संवर्धन संत महापुरुषों का मुख्य उद्देश्य रहता है। अखाड़ा परिषद दे संतो के हितों से जुड़े मुद्दों और समाज से जुड़े सेवा प्रकल्पों को संचालित करती रही है और आगे भी करते रहेगी। उन्होंने कहा कि समाज से जात पात ऊंच नीच का भेदभाव मिटाकर सभी संतो को समान दृष्टि से एक मंच पर लाकर धर्म के प्रचार प्रसार में कार्य किया जाएगा। महंत प्रह्लाद दास एवं महंत गोविंद दास महाराज ने कहा कि समस्त संत समाज श्री महंत रविंद्रपुरी एवं श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज के उज्जवल भविष्य की कामना करता है। इनके नेतृत्व में संत समाज परंपराओं का पालन करते हुए युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने का कार्य करेगा और हर एक संत के हित को ध्यान में रखकर मानव सेवा के लिए परिचालित विकल्पों में निरंतर बढ़ोतरी पर समाज को सेवा का संदेश भी देंगे। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद की नई कार्यकारिणी के गठन से संतो को सम्मान मिला है और उन्हें आशा है कि नई कार्यकारिणी के गठन से राष्ट्र की एकता अखंडता बनी रहेगी। इस अवसर पर सत्यब्रतानंद सरस्वती , महामनीषी निरंजन स्वामी, स्वामी महेश्वरानंद सरस्वती, स्वामी सेवानंद गिरि, स्वामी प्रकाशानंद, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती, अखिलेश योगी, स्वामी सुरेशानंद पुरी, स्वामी सुरेश भारती, स्वामी केशवानंद, संजय ब्रह्मचारी ,महंत गोविंद दास ,महंत हरिदास माला धारी सहित अनेक संत महंत उपस्थित रहे।

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