Crime

असामाजिक तत्वों के मंसूबो को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा-महंत अमनदीप सिंह

हरिद्वार, 30 दिसम्बर। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की एक्कड़ कला शाखा के महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा है कि खालसा पंथ की स्थापना सनातन धर्म की रक्षा के लिए हुई थी और निर्मल अखाड़ा अनादि काल से निर्मल भेख और उसकी परंपराओं का निर्वहन करते हुए धर्म के संरक्षण संवर्धन में अपना योगदान प्रदान करता चला आ रहा है। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व भगवा चोला धारण कर समाज में दुष्प्रचार फैलाने का कार्य कर रहे हैं। जिन्हें उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। प्रैस को जारी बयान में महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि भूरी वाले गुट के लोग उत्तराखंड और हरिद्वार आते ही भगवा चोला धारण कर लेते हैं और समाज को भ्रमित करने का कार्य करते हैं। जबकि हकीकत में सच्चाई कुछ और ही हैं। यदि वह सच्चा सनातनी है तो बिल्केश्वर महादेव मंदिर, दक्षेश्वर महादेव मंदिर या नीलेश्वर महादेव मंदिर में बैठकर विश्व में शांति और धर्म की रक्षा के लिए भगवान का रुद्राभिषेक या दुग्ध अभिषेक करें और सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए धर्म के प्रचार प्रसार में अपना सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे असामाजिक तत्वों का साथ दे रहे हैं। लेकिन उनका चेहरा भी जल्द ही समाज के सामने उजागर होगा और वह जो घृणित कार्य कर रहे हैं उसका नतीजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के नेतृत्व में अखाड़े द्वारा प्रचलित सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज की सेवा की जा रही है और समय-समय पर गरीबों की मदद कर समाज को सेवा का संदेश भी दिया जाता है। लेकिन कुछ लोगों का कार्य धर्म विरोधी और संपत्तियों पर कब्जा करना मात्र रह गया ह।ै अखाड़े ने ऐसे असामाजिक तत्वों का पहले ही बहिष्कार कर रखा है। साथ ही जो भी व्यक्ति ऐसे असामाजिक तत्वों का साथ देगा उसका भी बहिष्कार निर्मल अखाड़ा करेगा। क्योंकि ऐसे लोगों की प्रवृत्ति हमेशा धर्म और समाज के खिलाफ रहती है और ऐसे लोग ही धर्म को बदनाम कर रहे हैं। जो पंजाब में तो अलग वस्त्र धारण करते हैं और हरिद्वार आते ही भगवा चोला धारण कर लेते हैं। ऐसे पाखंडीयों को उनके हर दुस्साहस का करारा जवाब दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *